Bal Shramik Vidya Yojana 2024: उत्तर प्रदेश राज्य के श्रमिकों के लिए एक नई योजना की शुरुआत की गई है। राज्य में ऐसे बहुत सारे श्रमिक माता-पिता है, जो की कड़ी मेहनत करके अपनी आई अर्जित करते हैं जिससे कि वह अपना और अपने परिवार का भरण पोषण कर पाते हैं लेकिन कभी-कभी इतनी कड़ी मेहनत मजदूरी करने के बाद भी उन्हें जो मुनाफा प्राप्त होता है, उसे या तो श्रमिक परिवार अपने रोजमर्रा की आवश्यकताओं को पूरा कर सकते हैं या फिर अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा दे सकते हैं। लगभग सभी परिवारों के लिए यह दोनों चीजों की आवश्यकता होती है लेकिन बहुत सारे ऐसे परिवार होते हैं जो आर्थिक तंगी के कारण अपने बच्चों को शिक्षा प्रदान नहीं कर पाते हैं।
उन सभी बच्चों के लिए ही उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत आर्थिक तंगी से गुजर रहे श्रमिक परिवार के बच्चों के लिएशिक्षा प्रदान करवाया जाएगा, इसका संचालन उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से किया जा रहा है जिसका नाम यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना रखा गया है। अगर आप भी उत्तर प्रदेश में रहते हैं और श्रमिक परिवार के बालक एवं बालिका है और आर्थिक तंगी का सामना कर रहे हैं, तो अब आपको अपनी पढ़ाई के लिए चिंता करने की कोई आवश्यकता नहीं है।
आप इस योजना के लिए अपना आवेदन कर सरकार की तरफ से प्रतिवर्ष अधिकतम 14400 की वित्तीय सहायता प्राप्त कर सकते हैं। इसके साथ ही अन्य सरकारी योजनाओं का लाभ भी आप ले सकते हैं। इस योजना का लाभ लेने के लिए आपको ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन करना होगा, जिसकी पूरी प्रक्रिया में आपको इस पोस्ट के माध्यम से बताने जा रहा हूं। अतः आप इस पोस्ट को पूरा अवश्य पढ़े ताकि पूरी जानकारी प्राप्त करके उत्तर प्रदेश बाल श्रमिक विद्या योजना का लाभ ले सके।
यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से राज्य के श्रमिक मजदूर के बच्चे एवं अनाथ बच्चों को उच्च शिक्षा देने के लिए बाल श्रमिक विद्या योजना की शुरुआत की गई है। इस योजना के तहत सरकार की तरफ से बच्चों को वित्तीय सहायता दिया जाएगा। इस योजना की शुरुआत उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी के तरफ से जून 2020 में किया गया था। इसका कार्य श्रम विभाग के तरफ से किया जाता है।
राज्य के गरीब बच्चों को इस योजना के तहत शिक्षा देने के लिए सरकार वित्तीय सहायता प्रदान करती है। इस योजना के तहत लड़कों को प्रति महीने ₹1000 का लाभ तथा लड़कियों को प्रति महीने ₹1200 की वित्तीय सहायता दी जाती है। ऐसे में जो परिवार आर्थिक स्थिति से बेहद कमजोर है, उन्हें कुछ सहायता मिल पाती है जिससे कि वह अपने बच्चों को भी शिक्षा की तरफ आगे बढ़ा सकते हैं और उनके बच्चे आगे बढ़कर आत्मनिर्भर बन सकते हैं।
यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना उद्देश्य
उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से शुरू किए गए बाल श्रमिक विद्या योजना का मुख्य उद्देश्य राज्य के श्रमिक परिवार के यदि गरीब परिवार के बच्चों के माता-पिता जो की मेहनत मजदूरी कर कर अपना घर चलते हैं और उसके बाद भी वह अपने बच्चों को स्कूल भेजने में असमर्थ है और अपने बच्चों के स्कूल का फीस का भुगतान नहीं कर पाते हैं, उन सभी के लिए इस योजना की शुरुआत की गई है। इसके साथ ही साथ में अपने बच्चों को पेपर में बैठने के लिए फीस नहीं दे पाते हैं और उन्हें स्कूल से बहिष्कृत कर दिया जाता है, तो ऐसे में बच्चे एक सीमित कक्षा तक की अपनी शिक्षा का सकते हैं।
फिर वह भी घर की आवश्यकता को पूरा करने के लिए काम करने लग जाते हैं और राज्य में ऐसे बहुत सारे बच्चे हैं जो की अनाथ है और भी मेहनत मजदूरी करके अपना पेट पाल रहे हैं, जिस कारण वह शिक्षा प्राप्त नहीं कर पा रहे हैं। इन्हीं सभी समस्याओं को देखते हुए उत्तर प्रदेश सरकार की तरफ से यह लक्ष्य रखा गया कि राज्य के सभी जरूरतमंद बच्चों को शिक्षा हेतु सहायता प्रदान किया जाएगा, जिससे की भी अपने भविष्य को बेहतर बना सके। उत्तर प्रदेश सरकार का उद्देश्य यही है कि इस योजना के जरिए बाल श्रमिक को रोका जाए और उन्हें शिक्षा की तरफ अग्रसर किया जाए।
यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना लाभ
- बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत राज्य सरकार के तरफ से श्रमिक परिवार के बच्चों को शिक्षा ग्रहण करने के लिए वित्तीय सहायता दिया जाएगा।
- इस योजना का लाभ बालक एवं बालिका दोनों को ही दिया जाएगा।
- बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत लड़कों को प्रति मन ₹1000 की आर्थिक सहायता जबकि लड़कियों को प्रति महीने ₹1200 की वित्तीय राशि प्रदान की जाएगी।
- बालक एवं बालिकाओं को बाल श्रमिक विद्या योजना के तहत प्रतिवर्ष ₹6000 की आर्थिक सहायता दी जाएगी।
- उत्तर प्रदेश राज्य के जी श्रमिक परिवार के बच्चे अजमेर नवमी और दशमी कक्षा में पढ़ते हैं, उन्हें ही इस योजना के तहत लाभ दिया जाएगा।
- इस योजना को शुरू करने से राज्य में बाल मजदूरी के दर को काम किया जा सकता है।
- इस योजना के माध्यम से बच्चे पढ़ाई पूरी करके नौकरी के अवसर पा सकते हैं जिससे कि उनके जीवन स्तर में काफी सुधार होगा।
यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना पात्रता
- अगर आप भी इस योजना के तहत अपना आवेदन करना चाहते हैं तो आपको इसके लिए उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है।
- बाल श्रमिक योजना में आवेदन करने वाले बालक एवं बालिका की आयु 8 वर्ष से लेकर 18 वर्ष के मध्य होना चाहिए।
- इस योजना के तहत बालक एवं बालिका अपना आवेदन कर सकते हैं, जो की श्रमिक परिवार से आते हैं।
- ऐसे बच्चे जिनके माता-पिता में से किसी एक या दोनों का निधन हो गया है तो वे इस योजना के तहत अपना आवेदन करने के लिए पात्रता धारण करते हैं।
- इस योजना के तहत बच्चों के माता-पिता में से कोई एक या फिर दोनों विकलांग है और किसी गंभीर बीमारी से वह जूझ रहे हैं तो वैसे भी बच्चे इस योजना के तहत अपना आवेदन करने के लिए पात्र माने गए हैं।
यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना दस्तावेज
- आधार कार्ड
- जाति प्रमाण पत्र
- जन्म प्रमाण पत्र
- निवासी प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- आवेदक का पासपोर्ट साइज फोटो आदि।
यूपी बाल श्रमिक विद्या योजना में आवेदन कैसे करें ?
उत्तर प्रदेश बाल श्रमिक विद्या योजना में आपको अपना आवेदन ऑनलाइन के माध्यम से करना होगा या फिर आप नजदीकी श्रम विभाग कार्यालय में जाकर भी इस योजना के लिए अपना आवेदन कर सकते हैं। अगर आप भी इस योजना के लिए अपना आवेदन करना चाहते हैं, तो आपको नीचे दिए गए प्रक्रियाओं को पूरा पढ़ना होगा। इन प्रक्रिया को फॉलो करके आप आसानी से अपना आवेदन इस योजना के लिए कर सकते हैं।
- आपको इसके लिए सबसे पहले इसके ऑफिशल वेबसाइट पर आना होगा, इसके होम पेज में आपको ऑनलाइन आवेदन करें का विकल्प दिखाई देगा जिस पर आपको क्लिक करना होगा।
- उसके बाद सभी जरूरी जानकारी को प्राप्त करके ऑफिशल पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कर लेना होगा।
- रजिस्ट्रेशन सफलतापूर्वक करने के बाद आपको इस योजना में आवेदन करने के लिए आवेदन फार्म प्राप्त होगा, जिसे आपको ध्यानपूर्वक भरना होगा।
- उसके बाद आपको इस योजना के तहत मांगे जाने वाले सभी दस्तावेजों को स्कैन करके अपलोड कर देना होगा।
- उसके बाद आपको अंत में सबमिट पर क्लिक कर देना होगा और प्राप्त रसीद का प्रिंट आउट निकाल कर अपने पास रख लेना होगा।
- इस तरह से आप आसानी से इस योजना के लिए अपना आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकते हैं।